उच्चारण स्थान - संस्कृत

ॐ ।। वर्णो के उच्चारणस्थान ।

@अ-कु-ह-विसर्जनीयानां कण्ठ: ।
-अकार, कवर्ग ( क, ख, ग, घ, ङ् ), हकार और विसर्जनीय का उच्चारण स्थान “ कण्ठ ” है ।

@इ-चु-य-शानां तालु । 
-इकार, चवर्ग ( च, छ, ज, झ, ञ ), यकार और शकार इनका “ तालु ” उच्चारण स्थान है ।

@ऋ-टु-र-षाणां मूर्धा ।
-ऋकार, टवर्ग ( ट, ठ, ड, ढ, ण ), रेफ और षकार इनका “ मूर्धा ” उच्चारण स्थान है ।

@लृ-तु-ल-सानां दन्ता: ।
-लृकार, तवर्ग ( त, थ, द, ध, न ), लकार और सकार इनका उच्चारण स्थान “ दन्त ” है ।

@उ-पु-उपध्मानीयानाम् ओष्ठौ ।
-उकार, पवर्ग ( प, फ, ब, भ, म ) और उपध्मानीय इनका उच्चारण स्थान “ ओष्ठ ” है ।

@ञ-म-ङ-ण-नानां नासिका च ।
-ञकार-मकार-ङकार-णकार-नकार इनका उच्चारण स्थान “ नासिका ” है ।

@ऐदैतौ: कण्ठ-तालु ।
-ए और ऐ का उच्चारण स्थान “ कण्ठ-तालु ” है ।

@ओदौतौ: कण्ठोष्ठम् ।
-ओ और औ का उच्चारण स्थान “ कण्ठ-ओष्ठ ” है ।

@‘ व ’ कारस्य दन्तोष्ठम् ।
-वकार का उच्चारण स्थान “दन्त-ओष्ठ ” है ।

@जिह्वामूलीयस्य जिह्वामूलम् ।
-जिह्वामूलीय का उच्चारण स्थान “ जिह्वामूल ” है ।

@अनुस्वारस्य नासिका ।
-अनुस्वार का उच्चारण स्थान “ नासिका ” है ।

@क, ख इति क-खाभ्यां प्राग् अर्ध-विसर्गसद्दशो जिह्वा-मूलीय: ।
-क, ख से पूर्व अर्ध विसर्ग सद्दश “ जिह्वामूलीय ” कहलाते है ।

@प, फ इति प-फाभ्यां प्राग् अर्ध-विसर्ग-सद्दश उपध्मानीय: ।
-प, फ के आगे पूर्व अर्ध विसर्ग सद्दश “ उपध्मानीय ” कहलाते है ।

@अं , अ: इति अच् परौ अनुस्वार-विसर्गौ ।
-अनुस्वार और विसर्ग “ अच् ” से परे होते है; जैसे — अं , अ: ।

जयतु संस्कृतम् ।। पठतु संस्कृतम् ।। वदतु संस्कृतम्  ।। लिखतु संस्कृतम् ।



1 कण्ठ - अकुह विसर्जनीयानं कण्ठ:

 अ,क,ख,ग,घ,ड.,: (विसर्ग)का उच्चारण स्थान कण्ठ होता हैं।


2 तालु - इचुयशानां तालु:|

इ,च,छ,ज,झ, ञ , य,श का उच्चारण स्थान तालु होता हैं।


3 मूर्धा - ऋटुरषाणां मूर्धा |

ऋ, ट,ठ,ड,ढ,ण,र,ष का उच्चारण स्थान मूर्धा होता हैं।


4 दंत - लृतुलसानां दंता: |

लृ,त,थ,द,ध,न,ल,स का उच्चारण स्थान दंत होता हैं।



5 ओष्ठ - उपूपध्मानीयानां ओष्ठौ |

उ,प,फ,ब,भ,म का उच्चारण स्थान ओष्ठ होता हैं।


6 नासिका -´ञड.णनानां नासिका च 

ड.,ञ ,ण,न,म.का उच्चारण स्थान नासिका होता हैं।


7 कण्ठ तालु- एदैतो कण्ठतालु: |

ए,ऐ का उच्चारण स्थान कण्ठतालु होता हैं।


8 कण्ठ ओष्ठ - ओदौतो कण्ठोष्ठम् |

ओ,औ का उच्चारण स्थान कण्ठओष्ठ होता हैं।


9 दंतओष्ठ - वकारस्य दंतोष्ठम् |

व का उच्चारण स्थान दंत ओष्ठ होता हैं।


10 नासिका - नसिका अनुस्वारस्य |

[ ं](अनुस्वार का उच्चारण स्थान नासिका होता हैं।




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